Women Hair Disease Treatment {महिलाएँ (स्त्री) के बालों की समस्या का समाधान एवं निदान} Full Episode
Women Hair Disease Treatment By Rajiv Dixit { महिलाएँ ( स्त्री ) के बालों की समस्या का समाधान एवं निदान } Video CD DVD Cassette Episode
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राजीव दीक्षित का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की अतरौली तहसील के नाह गाँव में राधेश्याम दीक्षित एवं मिथिलेश कुमारी के यहाँ 30 नवम्बर 1967 को हुआ था
दीक्षित ने 20 वर्षों में लगभग 12000 से अधिक व्याख्यान दिये।[4] भारत में 5000 से अधिक विदेशी कम्पनियों के खिलाफ उन्होंने स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत की
मैं भारत को भारतीय मान्यताओं और परम्पराओं के आधार पर खड़ा करना चाहता हूँ तथा उसी काम मे लगा हूँ|
वैदिक काल
भारतीय संस्कृति मे प्राचीन वैदिक काल से ही नारी का स्थान सम्माननीय रहा है और कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफलाः क्रियाः।। अर्थात् जिस कुल में स्त्रियों की पूजा होती है, उस कुल पर देवता प्रसन्न होते हैं और जिस कुल में स्त्रियों की पूजा, वस्त्र, भूषण तथा मधुर वचनादि द्वारा सत्कार नहीं होता है, उस कुल में सब कर्म निष्फल होते हैं। उन दिनों परिवार मातृसत्तात्मक था।
खेती की शुरूआत तथा एक जगह बस्ती बनाकर रहने की शुरूआत नारी ने ही की थी, इसलिए सभ्यता और संस्कृति के प्रारम्भ में नारी है किन्तु कालान्तर में धीरे-धीरे सभी समाजों में सामाजिक व्यवस्था मातृ-सत्तात्मक से पितृसत्तात्मक होती गई और नारी समाज के हाशिए पर चली गई।
आर्यों की सभ्यता और संस्कृति के प्रारम्भिक काल में महिलाओं की स्थिति बहुत सुदृढ़ थी। ऋग्वेद काल में स्त्रियां उस समय की सर्वोच्च शिक्षा अर्थात् बृह्मज्ञान प्राप्त कर सकतीं थीं। ऋग्वेद में सरस्वती को वाणी की देवी कहा गया है जो उस समय की नारी की शास्त्र एवं कला के क्षेत्र में निपुणता का परिचायक है। अर्द्धनारीश्वर की कल्पना स्त्री और पुरूष के समान अधिकारों तथा उनके संतुलित संबंधों का परिचायक है। वैदिक काल में परिवार के सभी कार्यों और भूमिकाओं में पत्नी को पति के समान अधिकार प्राप्त थे। नारियां शिक्षा ग्रहण करने के अलावा पति के साथ यज्ञ का सम्पादन भी करतीं थीं। वेदों में अनेक स्थलों पर रोमाला, घोषाल, सूर्या, अपाला, विलोमी, सावित्री, यमी, श्रद्धा, कामायनी, विश्वम्भरा, देवयानी आदि विदुषियों के नाम प्राप्त होते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार बालों की हर समस्या का समाधाान आंवला, रीठा और शिकाकाई में छुपा हुआ है। इन तीनों को मिलाकर इस्तेमाल करने से बाल झड़ने की समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है। आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो बालों के नुकसान को नियंत्रित करने में मदद करता है। रीठा में आयरन पाया जाता है, जो बालों की कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है। शिकाकाई इन दोनों सामग्रियों की अच्छी तरह से बालों में समाने में मदद करता है।
आयुर्वेद की सलाह है कि भृंगराज बालों के विकास को बढ़ावा देने, उन्हें मजबूत बनाने और डैड्रफ को रोकने में मदद कर सकता है। बालों की बेहतर सेहत के लिए आप भृंगराज तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें विटामिन ई भी होता है, जो बालों के विकास के लिए सबसे अच्छे विटामिनों में से एक है।